देश के असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकार: मौलाना सज्जाद नोमानी

*देश के असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकार: मौलाना सज्जाद नोमानी*

*मुल्क के बिगड़ते हालात पर इस्लामी विद्वानों ने जताई चिंता*

*सभी धर्म के लोगों की जिम्मेदारी है कि देश में शांति खुशहाली और सद्भाव बना रहे*

*कर्बला मैदान में आयोजित राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कांफ्रेंस में उमड़ा जनसैलाब*

*जयपुर से प्रमुख संवादाता सईद हाशमी की विशेष रिपोर्ट*

12 जून 2022 जयपुर

वर्तमान समय में हमारे देश में हालात खराब हैं। समाज के अल्पसंख्यक और दूसरे वर्गों के साथ जुल्म व ज्यादती और नाइंसाफी खुलेआम की जा रही है। सरकारें शान्ति और न्याय व्यवस्था सुदृढ़ करने की अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर रही है, जिसकी वजह से देश में बेचैनी है। यह बात रविवार को जयपुर के कर्बला मैदान में आयोजित राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने कही।

प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि देश के मुसलमान हमेशा से अमन, इंसाफ और शांति के अलमबरदार रहे हैं। मौजूदा हालात में वे बहुत सारी चीजों को लेकर सब्र किए हुए हैं। आज मुसलमानों पर जुल्म व ज्यादाती की जा रही है, फिर भी वो बर्दाश्त कर रहे हैं तथा उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक समझा जा रहा है। मुसलमान भारतीय सरजमीं पर पैदा हुआ और इसी धरती में दफन होगा। लिहाजा सरकारों को चाहिए कि अल्पसंख्यक समुदाय को संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों से वंचित न करें बल्कि संविधान के मुताबिक उन्हें उनके अधिकार दिए जाएं।

वहीं मौलाना नोमानी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे देश के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका कर आवाम को गुमराह कर रही है, जबकि सरकार का काम अमन व इंसाफ और संविधान के मुताबिक देश चलाना होता है। उन्होंने देश के नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की जीवनी पढ़ें और उसी के मुताबिक अपना आचरण करें। इस्लाम अमन व इंसाफ की शिक्षा देता है।

मौलाना तौकीर रजा बरेलवी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस्लाम ने हमेशा से आपसी तालमेल और एकता का का पैगाम दिया है। देश के कुछ फिरकापरस्त लोग और सरकार की पॉलिसी देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने नूपुर शर्मा का जुर्म मान लिया तो अभी तक उस पर कार्रवाई क्यूं नहीं हुई? मुस्लिम समाज के साथ अन्याय हो रहा है, इसके खिलाफ पूरे देश को आवाज उठानी होगी। मौलाना तौकीर रजा खान ने देश में बढ़ती महंगाई और आम जरूरतों की मूल्यवृद्धि पर भी चिंता जताई। साथ ही कहा कि सरकारों को चाहिए कि वे देश के नागरिकों को यह एहसास दिलाएं कि उनके साथ इंसाफ होता रहेगा तथा हालात ऐसे बनाएं कि हरेक व्यक्ति को अमनों सुकून का एहसास हो।

 

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि किसी भी कीमत पर देश का माहौल खराब न करें लेकिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब पर कोई उंगली उठाए, इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि देश की बहुत सारी मस्जिदों में भगवा झंडा जबरन लगाया गया लेकिन मुस्लिम समाज ने कोई हिंसा नहीं की क्योंकि मुसलमान अमनपसंद हैं। 2014 के पहले जो बम मारने वाले थे वही आज सत्ता पर बैठें हैं। मेरी मोदी जी से अपील है कि भारत को पूरी दुनिया में बुरा मत बनाओ।

 

बामसेफ के कुमार काले साहब ने संबोधन में कहा कि देश की शांति खुशहाली को खराब किया जा रहा है लेकिन देश के करोड़ों लोग ऐसा नहीं होने देंगे। समाज में नफरत को बढ़ावा देने वालों को हम लोग कामयाब नहीं होने देंगे। जानबूझकर देश के माहौल को बिगाड़ने की साजिश कई वर्षों से हो रही है। हिजाब का मुद्दा हो या नूपुर शर्मा का, ये सब एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि देश में सिर्फ मुसलमानों के साथ नाइंसाफी नहीं हो रही बल्कि दलित और आदिवासी समाज के साथ ज्यादा अन्याय हो रहा है। देश के असली मजलूम दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोग हैं, जिन्हें हिंदू बनाया जा रहा है।

 

ज्वाइंट एक्शन फोरम की ओर से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में कार्यक्रम आयोजक एवं फोरम के कनवीनर हाफिज मंजूर अली खान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि वे संविधान प्रदत्त मूल्य एवं आम नागरिकों की रक्षार्थ ली गई शपथ को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारियां पूरी करें और वंचितों एवं पिछड़ों को आगे लाने के लिए उन्हें सहूलियत मुहैया कराकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं। हाफिज मंजूर अली ने कहा कि देश का मुसलमान अपने वतन से बेइंतहा मोहब्बत करता है उसे किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है।

 

वहीं उन्होंने मुसलमानों से आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहें और हौसले बुलंद रखते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहें। उन्होंने कहा कि वंचितों को उनके अधिकार मिलना चाहिए तथा संविधान के मुताबिक मौलिक प्रदत्त अधिकार देश के नागरिकों को बिना मांगे हुकूमतों को देकर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। हाफिज मंजूर अली ने उपस्थित जनों से आह्वान किया कि समाज के दबे कुचले वर्गों को साथ लेकर देश को विकास पथ पर ले जाए, ताकि अन्याय का खात्मा हो और देशभर में इंसाफ की मशाल जली रहे।

 

विशिष्ट अतिथि हिम्मत सिंह ने उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मनुवादी सोच के लोगों पर अंकुश लगाने का सरकार से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति देश के सभी नागरिकों को जागरूक होना जरूरी है। इसी प्रकार मौलाना अहसान बदर ने मुसलमानों को उनके हुकूक की याद दिलाते हुए कहा कि यह कौम अमन व इंसाफ पसंद है तथा तोहीद एकेश्वरवाद को मानने वाले कभी किसी का बुरा नहीं कर सकते, वे सदैव सन्मार्ग पर चलते हैं।

 

कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा व जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि हमें उपद्रवियों पर रोक लगानी होगी तथा उन्हें बेनकाब करते हुए उनके सांप्रदायिक चेहरों को सामने लाना होगा। उन्होंने सामाजिक सौहार्द एवं समरसता पर बल देते हुए सद्भाव कायम रखने तथा कौमी एकता का सुबूत देने का उपस्थित जनों से आह्वान किया, जिस पर सभी ने हामी भरी।

 

कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुस्लिम समाज को आगे आकर संदेश देना है कि अभी भी हमारे अंदर खौफ नहीं आया। रांची के मुदस्सिर की मां को गर्व है कि उनका इकलौता बेटा नामूसे रिसालत (पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी) के लिए कुर्बानी दी है। अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली प्रयागराज की आफरीन फातमा के घर बुलडोजर चलाया गया है क्योंकि वो अपने अधिकारों की बात करते हैं।

राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद ने कहा कि सारी समस्याएं जानबूझकर पैदा की जा रही हैं। मामला सिर्फ मंदिर मस्जिद का नहीं है बल्कि संविधान में दिए अधिकारों का है। संघ परिवार का हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है, यही लोग पूरे दुनियां में हिंदुओं को बदनाम कर रहे हैं। संघ अपने एजेंडे को हिंदू मुस्लिम नाम दे रहा है जबकि आर एस एस का असली दुश्मन भारतीय संविधान है। बाबा साहब अम्बेडकर ने देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार संविधान के जरिए दिए हैं, यही संघ की सबसे बड़ी समस्या है। संविधान बचाने में सबसे अहम भूमिका मुसलमानों की है।

शिया विद्वान मौलाना सादिक हुसैनी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें गंगा जमुनी तहजीब को नहीं छोड़ना है तथा अमन व इंसाफ पसंद बनकर जीवन यापन करना है। इसी में हमारे देश व समाज की भलाई हैं। ज्वाइंट एक्शन फोरम के को कन्वीनर एवं कांफ्रेंस के सह संयोजक मुफ्ती अखलाक उर रहमान कासमी ने कहा कि देश का मुसलमान अमन व इंसाफ पसंद है तथा तौहीद को मानने वाला है, लिहाजा उसे इस चीज को ध्यान में रखते हुए सदैव सन्मार्ग पर चलना होगा। इसी में दीन व दुनिया की सफलता छिपी हुई है। कासमी ने कॉन्फ्रेंस में उमड़ी भारी भीड़ एवं देश के कोने-कोने से आए इस्लामी विद्वानों तथा आमजन का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के कई इस्लामी विद्वान शामिल हुए वहीं मुसलमानों के विभिन्न संगठनों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहा। देर रात तक चले इस अधिवेशन में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता एवं खिदमतगुजार व्यवस्थाएं संभाले हुए रहे। साथ ही चाक-चौबंद पुलिस के जवान भी मुस्तैद दिखे।

पीएफआई प्रतिनिधि को लेकर प्रशासन रहा परेशान

कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद की आमद को लेकर विशेषकर पुलिस प्रशासन खासा परेशान देखा गया। पुलिस के आला अधिकारी क्षेत्रीय होटलों में जाकर उनकी टोह लेते दिखे, क्योंकि प्रशासन इस बात से आशंकित था कि शांत जयपुर शहर में कोई अप्रिय घटना घटित ना हो जाए। पुलिस के आला अधिकारी कॉन्फ्रेंस आयोजक हाफिज मंजूर अली खान के साथ इस मुद्दे को लेकर चर्चाओं में व्यस्त दिखे।

 

सरकारी नुमाइंदे भी रहे मुस्तैद

गुप्तचर शाखाओं की सूचनाओं एवं अलर्ट प्रशासन व सरकार के निर्देशानुसार शहर के कुछ विधायक इस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद नजर आए। विधायक रफीक खान जहां एक ओर आयोजकों से हालात मालूम करते रहे। वहीं अमीन कागजी व क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर महेश जोशी भी कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद दिखे। आदर्श नगर विधायक रफीक खान आयोजकों से फोन पर चर्चा करते रहे। थोड़ी देर बाद वे वन विहार पहुंचे और कर्बला व ईदगाह क्षेत्र में कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद दिखे।

 

महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचीं

राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस में महिलाओं व युवतियों की भारी संख्या में भीड़ पहुंची। जिनकी बैठने की व्यवस्थाएं अलग से रही। यहां इस्लामी तरीके से महिलाओं के बैठने की व्यवस्था रही, जहां पर महिलाएं व युवतियों ने व्यवस्थाएं संभाली।

 

कॉन्फ्रेंस में 2 लाख लोग पहुंचे

एक अनुमान के मुताबिक राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस में करीब दो लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया गया। वहीं इस संख्या में 50,000 से अधिक महिलाएं आने की सूत्रों ने जानकारी दी।

कारी हिदायतुल्लाह के तिलावते कुरान से शुरू हुई कॉन्फ्रेंस में मौलाना सुलेमान में नात शरीफ पेश की। वहीं मुफ्ती ए राजस्थान मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी व मुफ्ती हनीफ अहरार ने कहा कि देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। चारों ओर असामाजिक और उपद्रवी तत्वों का बोलबाला है, जिन पर हमें एकजुटता के साथ अंकुश लगाना होगा।

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