अदालत के इस निर्णय का असर करीब 8 हजार लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें बीएमसी ने बकरीद (Bakrid) कुर्बानी की अनुमति दी हुई है।
मुंबई:
मुंबई में बकरीद पर अब घरों और सोसाइटी में कुर्बानी करने पर रोक लगा दी गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बकरीद पर गैरकानूनी तरीके से होने वाली कुर्बानी को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और गौतम पटेल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई कर रहे थे इसी दौरान एनजीओ के वकील ने कहा कि कि बीएमसी द्वारा जारी किए गए वध से संबंधित अधिसूचना विमान सुरक्षा अधिनियम, क्रूरता से पशु अधिनियम और खाद्य सुरक्षा मानदंड का उल्लंघन है।वरिष्ठ वकील ने कहा कि बीएमसी के 54 बाजारों में से 7 मांसाहारी बाजार है ,लेकिन बीएमसी ने कुर्बानी के लिए जिन केंद्रों को नामित किया है वह हवाई अड्डे के 10 किमी के भीतर आते है जो विमान सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करते है।
वकील ने कहा कि बीएमसी शहर में अन्य स्थानों पर जानवरों को मारने की अनुमति देने पर विचार कर रही है, जिसमें समाज और व्यक्ति दोनों शामिल हैं इससे सुरक्षा और स्वच्छता के लिए खतरा पैदा हो जाएगा, क्योंकि ऐसा कोई तरीका नहीं था जिसमें कुर्बानी से पहले और बाद में नागरिक निकाय जाँच कर सके।
हाईकोर्ट ने कहा कि केवल सरकार की ओर से अधिकृत किये गए कत्लखानों में कुर्बानी की जा सकती है। बता दें, इस बार 12 अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक अब बकरीद (Bakrid) पर लोग केवल सरकार की ओर से अधिकृत कत्लखानों में ही कुर्बानी हो सकती है। मुंबई शहर में अधिकृत 58 इलाकों में कुर्बानी हो सकेगी। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, ऑटो रिक्शा स्टैंड सहित कोई सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी पर रोक लगाई गई है। धार्मिक जगहों पर कुर्बानी के लिए हेड इंस्पेक्टर मार्केट से अनुमति लेनी होगी।
अदालत के इस निर्णय का असर करीब 8 हजार लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें बीएमसी ने कुर्बानी की अनुमति दी हुई है। इसके अलावा इस मामले से जुड़े एक और आदेश में अदालत ने जानवरों को लाने, ले जाने के लिए बने नियमों का सही तरीके से पालन करने के लिए बीएमसी और सरकार को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
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